मां काली की शोभायात्रा बनी हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

बुलंदशहर, 19 मार्च आमतौर पर होली का त्योहार रंग खेलकर मनाया जाता है। लेकिन खुर्जा क्षेत्र के गांव अगौरा में मां काली की भव्य शोभायात्रा निकालकर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने आपसी भाईचारे की मिसाल कायम की है।

मां काली की शोभायात्रा बनी हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

बुलंदशहर, 19 मार्च  आमतौर पर होली का त्योहार रंग खेलकर मनाया जाता है। लेकिन खुर्जा क्षेत्र के
गांव अगौरा में मां काली की भव्य शोभायात्रा निकालकर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने आपसी भाईचारे की
मिसाल कायम की है।

भव्य शोभायात्रा बैंड बाजों के साथ गांव के विभिन्न स्थानों से होकर गुजरी और लोगों ने
शोभायात्रा का जगह-जगह फूल बरसाकर स्वागत किया।


मां काली की शोभा यात्रा गांव के प्राचीन मंदिर से शुरु होकर गांव के विभिन्न धार्मिक स्थलों व अन्य स्थानों से
होकर गुजरी। श्रद्धालुओं ने मां काली को प्रणाम कर आशीर्वाद लिया।

गांव के कई स्थानों पर शोभा यात्रा का भव्य
स्वागत किया गया। मां काली के स्वरूप व लांगुरों ने तलवारबाजी का शानदार प्रदर्शन किया। श्रद्धालुओं ने जगह-
जगह मां काली की पूजा की तथा प्रसाद वितरण किया। शोभायात्रा में खुर्जा की नवनिर्वाचित विधायक मीनाक्षी सिंह
भी पहुंची। कमेटी ने विधायक का भव्य स्वागत किया। इस दौरान विधायक ने बताया कि अगौरा गांव हिन्दू-

मुस्लिम एकता का प्रतीक है। गांव में हिंदू और मुस्लिम दोनों समाज के लोग आपस में चंदा करके काली मां की
शोभायात्रा निकालते हैं। इस दौरान शोभायात्रा कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता ने बताया कि काली मां की 252वीं
शोभायात्रा निकाली जा रही है

और हमारे गांव में हिंदू-मुस्लिम एकता के तहत सभी लोगों का सहयोग होता है।
सभी लोग आपस में हिंदू और मुस्लिम चंदा करके मां काली की शोभायात्रा निकालते हैं।