अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में रहा गिरावट का रुख

देश की मंडियों में सोयाबीन और मूंगफली की आवक बढ़ने के कारण अन्य खाद्यतेल कीमतों पर भी दबाव कायम हो जाने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन और सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली।

अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में रहा गिरावट का रुख

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर  देश की मंडियों में सोयाबीन और मूंगफली की आवक बढ़ने के
कारण अन्य खाद्यतेल कीमतों पर भी दबाव कायम हो जाने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में


शनिवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन और सीपीओ एवं पामोलीन तेल कीमतों में


गिरावट देखने को मिली। नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग से बिनौला तेल कीमतों में सुधार
आया।


कारोबारी सूत्रों ने कहा कि कांडला बंदरगाह पर आयात भाव के मुकाबले सीपीओ और पामोलीन तेल
महंगा मिलने से मांग कुछ प्रभावित हुई है जिसकी वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में


गिरावट है। इसका असर मूंगफली सहित बाकी तेल तिलहन कीमतों पर भी हुआ है जिससे उनके भाव
भी दवाब में रहे। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 70 प्रतिशत खाद्यतेलों की मांग को आयात से


पूरा किया जाता है लिहाजा सिर्फ घरेलू तेल तिलहनों पर ‘स्टॉक लिमिट’ लागू करने का कोई औचित्य
नहीं दिखता।

सूत्रों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से वायदा कारोबार में सीपीओ और सोयाबीन का भाव संभवत: कुछ
बड़ी कंपनियों ने कम चला रखे थे जिससे घरेलू आयातकों की हालत खराब हो गयी और उनका


कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ। अब इन तेलों का आयात कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने संभाल रखा
है।


सूत्रों ने कहा कि देश के तेल उद्योगों के प्रमुख संगठनों को सरकार तक यह बात पहुंचानी चाहिए कि
उनकी कोटा प्रणाली से तेल के कम आपूर्ति की स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को


सोयाबीन एवं सूरजमुखी जैसे सभी खाद्य तेलों पर कम से कम 5.50 प्रतिशत का आयात शुल्क
लगा देना चाहिये।


सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में शादियों का मौसम शुरू होने के अलावा जाड़े की मांग भी
निकलेगी। इस दौरान हल्के तेलों की मांग काफी बढ़ेगी। सरकार को आयात शुल्क लगाने के बारे में


तत्काल कोई फैसला करना होगा क्योंकि सूरजमुखी और सोयाबीन तेलों के आयात में लगभग डेढ़ से
दो महीने का समय लगता है।


सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेल तिलहनों में सोयाबीन की आवक बढ़ रही है और सोमवार से गुजरात में


मंडियों के खुलने के बाद मूंगफली पर भी दवाब देखने को मिल सकता है ऐसे में सरकार को यह
ध्यान देना होगा कि किसानों को दिक्कत पेश न आये और उन्हें वाजिब दाम मिले।


शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:


सरसों तिलहन – 7,150-7,175 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।


मूंगफली – 6,820-6,885 रुपये प्रति क्विंटल।


मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,750 रुपये प्रति क्विंटल।


मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,530-2,790 रुपये प्रति टिन।


सरसों तेल दादरी- 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।


सरसों पक्की घानी- 2,250-2,385 रुपये प्रति टिन।


सरसों कच्ची घानी- 2,325-2,440 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,800-20,500 रुपये प्रति क्विंटल।


सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।


सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,950 रुपये प्रति क्विंटल।


सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,550 रुपये प्रति क्विंटल।


सीपीओ एक्स-कांडला- 8,750 रुपये प्रति क्विंटल।


बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,200 रुपये प्रति क्विंटल।


पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल।


पामोलिन एक्स- कांडला- 9,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।


सोयाबीन दाना – 5,285-5,335 रुपये प्रति क्विंटल।


सोयाबीन लूज 5,085-5,135 रुपये प्रति क्विंटल।


मक्का खल (सरिस्का) 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।