अनुचित कचरा प्रबंधन के लिए मिजोरम सरकार 50 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा दे : एनजीटी

नई दिल्ली, 09 दिसंबर । राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने मिजोरम सरकार को निर्देश दिया है कि तरल और ठोस कचरे के अनुचित प्रबंधन से पर्यावरण को हुए

अनुचित कचरा प्रबंधन के लिए मिजोरम सरकार 50 करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवजा दे : एनजीटी

नई दिल्ली, 09 दिसंबर (। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने मिजोरम सरकार को


निर्देश दिया है कि तरल और ठोस कचरे के अनुचित प्रबंधन से पर्यावरण को हुए नुकसान के एवज
में 50 करोड़ रुपये का मुआवजा भरे।


एनजीटी अध्यक्ष न्यायामूर्ति आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि कचरा प्रबंधन पर पर्यावरण


नियमों का अनुपालन उच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और यह समय है कि राज्य कानून और
नागरिकों के प्रति कर्तव्य को महसूस करे और अपने स्तर पर निगरानी करे।


पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल हैं। पीठ ने कहा,
‘‘कचरा प्रबंधन की समस्या प्रशासन के सामने है और पर्यावरण एवं जन स्वास्थ्य के लिए अनसुलझी


पहेली बनी हुई है। इसके लिए पहले बदलाव के तौर पर योजना के लिए केंद्रीकृत सिंगल विंडो
व्यवस्था, क्षमता विस्तार और राज्य स्तर पर कचरा प्रबंधन की निगरानी करने की जरूरत है।


एनजीटी ने कहा कि सिंगल विंडो व्यवस्था का नेतृत्व अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी


द्वारा किया जाए जिसमें शहरी विकास, ग्रामीण विकास, पर्यावरण व वन, कृषि, जल संसाधन, मत्स्य
और औद्योगिक विभाग का प्रतिनिधित्व हो।


मुआवजा तय करते हुए पीठ ने कहा कि सीवेज शोधन की क्षमता और आवश्यकता में रोजाना 2.394
करोड़ लीटर का अंतर है जबकि रोजाना 60 हजार मीट्रिक टन कचरा बिना शोधित रह जा रहा है।


पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव महीने में कम से कम एक बार प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे और
छह महीने में सत्यापित प्रगति रिपोर्ट एनजीटी के समक्ष पेश करेंगे