कई हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं हो पा रही यमुना की सफाई

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (यमुना की सफाई के नाम पर करोड़ो रूपये का बजट खर्च करने के बावजूद राजधानी दिल्ली में यमुना की सफाई नहीं हो पा रही।

कई हजार करोड़ खर्च करने के बाद भी नहीं हो पा रही यमुना की सफाई

नई दिल्ली, 08 अप्रैल ( यमुना की सफाई के नाम पर करोड़ो रूपये का बजट खर्च करने
के बावजूद राजधानी दिल्ली में यमुना की सफाई नहीं हो पा रही। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी


सिक्ख प्रकोष्ठ के सह संयोजक गुरमीत सिंह सूरा का। गुरमीत सिंह कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने
यमुना सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा दिए बावजूद इसके यमुना में प्रदूषण


लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पिछले 5 वर्षों में यमुना सफाई पर
6800 करोड़ खर्च करने का दावा किया है परंतु यमुना का प्रदूषित होता दूषित पानी दिल्ली सरकार


के भ्रष्टाचार को उजागर रहा है। गुरमीत सिंह कहते हैं कि आम आदमी पार्टी द्वारा हर घर नल से
जल देने वायदा किया गया पूरी तरह से दिल्ली वासियों के साथ धोखा साबित हुआ है। दिल्ली


सरकार दिल्ली में जिन घरों में नल से पानी दे रही है वहां दूषित पानी आ रहा है। मौसम में बदलाव
की आहट से ही झुग्गी झौपड़ी व दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट से लोग परेशान हो रहे है।


उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पर 71000 करोड़ का कर्जा है, जो केजरीवाल के शासन में हुए
भ्रष्टाचार के कारण वर्ष दर वर्ष बढ़ता जा रहा है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड मुनाफा कमाने वाली संस्था


थी। यमुना में इतना प्रदूषण बढ़ रहा है कि यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से झाग बढ़ता जा
रहा है। गुरमीत सिंह ने कहा कि यह जांच का विषय है कि 8 साल के शासन में केजरीवाल सरकार


यमुना से अमोनिया को ट्रीट करने के लिए 6 अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक नही बना पाई और
यमुना में दूषित पानी न डले उसके लिए आवश्यक 22 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट क्यां नही लगा पाई।


उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में हुए 71000 करोड़ के घाटे के लिए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल
सीधे तौर पर जिम्मेदार है, जिसकी जांच होनी चाहिए।