जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करके यूपी के मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने बयां किया अपना दर्द

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षकों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट रहा है, वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक भूखमरी एवं इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं

जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करके यूपी के मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों ने बयां किया अपना दर्द

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षकों पर मुसीबतों का पहाड़
टूट रहा है, वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक भूखमरी एवं इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं


लेकिन केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों की घोर लापरवाही के कारण पीएम के सबका
साथ, सबका विकास, सबका विश्वास पर पानी फिर रहा है। मदरसों के संबंध से बड़ी बड़ी बातें मोदी


और योगी कर रहे हैं। लेकिन सच ये है कि उत्तर प्रदेश के मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को पिछले
पांच सालों में सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है और मानदेय न मिलने के कारण मदरसा शिक्षक एक-


एक कर मानसिक तनाव एवं बीमारियों से ग्रसित होकर अपना दम तोड़ते जा रहे हैं। प्रदेश में अब
तक सौ से अधिक मदरसा शिक्षकों की आर्थिक तंगी के कारण दर्दनाक मौत हो चुकी है। शिक्षकों के


हालात बद से बदतर हो गए हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश के अनेक राज्यों से आए मदरसा आधुनिकीकरण
शिक्षकों ने आज जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन करके,अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र दिया।


मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति उत्तर प्रदेश द्वारा किए गए इस धरना प्रदर्शन में
समस्त राज्यों से भारी संख्या में मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक यहां पहुंचे जिनमें अनेक हिंदू


अध्यापक और मुस्लिम महिलाएं भी शामिल रहीं। प्रदेश अध्यक्ष अशरफ़ अली उर्फ सिकंदर, प्रदेश


महासचिव सुनील कुमार सिंह, इसरार अहमद इदरीसी, अनंत सिंह,रईस अज़हरी,सलीम अहमद, कृष्ण
कुमार, गुफरान अली, फ़ैज़ान सरवर, डीपी यादव, मौ.वारिस (ज़िला बिजनौर), सरफुद्दीन अंसारी


(बरेली) अरशद अली (बनारस) मेहताब (हापुड़) अफजाल अहमद (गोंडा), मुकेश कुमार (उत्तराखंड)
फखरुद्दीन (कुशीनगर),मज़हर अंसारी (देवरिया) मोहम्मद कलीम (प्रतापगढ़) रामवीर मोर्य (गोरखपुर)


इदरीश हुसैन (मुरादाबाद), ज़र्रार हुसैन (मेरठ) मसूद खान (सहारनपुर) सहित अनेक वक्ताओं ने अपने
बकाया मानदेय यानि 2017-18 से सत्र 2020-21तक तथा सत्र 2022-23 तक समस्त केंद्रांश के


भुगतान की मांग की और कहा कि उनका समस्त बकाया वेतन एकमुश्त दिया जाए। साथ ही उन्होंने
अपने मानदेय में बढ़ोतरी करने की मांग करने के साथ-साथ उसे प्रतिमाह नियमित दिए जाने की


मांग रखी। इन सब ने सरकार से कहा कि वर्ष 1993 से संचालित इस योजना में कार्य कर रहे
मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को स्थाई किया जाए।


जनपद बिजनौर से भारी संख्या में मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक आए जिनमें महिला शिक्षक भी
मौजूद थीं। चांदपुर से आईं कायनात ज़ैदी ने बताया कि सरकार हमारे बकाया मानदेय के पैसे हमें


तुरंत दे दे, क्योंकि बच्चों को पालना, पढ़ाना और परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। और हमारे लिए
टीचर होना एक मुसीबत बनता जा रहा है। स्योहारा से आए तनवीर अहमद, मास्टर तैय्यबउज़्ज़मा,


हाजी उबैदुररहमान, मुस्तकीम अहमद,मौ.अरशद, महीपाल, मौलाना नासिर,अनस ज़ैदी, अनवार


अहमद, ने मीडिया को बताया कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की मुसीबतें बहुत बढ़ गईं हैं अगर


सरकार ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का बकाया मानदेय और सेवा नियमावली का मामला तुरंत
हल नहीं किया तो स्थितियां भंयकर होंगी।