तहसील में वकीलों की हड़ताल के कारण रजिस्ट्री बंद

गाजियाबाद, 13 जनवरी पिछले पांच दिनों से सदर तहसील में चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते रजिस्ट्री कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है।

तहसील में वकीलों की हड़ताल के कारण रजिस्ट्री बंद

गाजियाबाद, 13 जनवरी पिछले पांच दिनों से सदर तहसील में चल रही अधिवक्ताओं
की हड़ताल के चलते रजिस्ट्री कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। निबंधन विभाग को पांच दिनों में


करीब 25 करोड रुपये के राजस्व की हानि हो चुकी है। वहीं रजिस्ट्री कराने वालों की भी वेटिंग लिस्ट
लंबी होती जा रही है।


स्टांप एवं पंजीयन विभाग की प्रमुख सचिव वीणा कुमारी द्वारा पत्र जारी कर गाजियाबाद में पावर
आफ अटार्नी पर रोक लगाने व अभद्र भाषा के विरोध में पांचवे दिन शुक्रवार को भी तहसील बार


एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने हड़ताल पर रहे। तहसील बार एसोशिएशन के सचिव विकास त्यागी

ने कहा कि जब तक प्रमुख सचिव द्वारा पत्र वापस नहीं लिया जाता और अधिवक्ताओं को संगठित
गिरोह कहने पर सार्वजनिक रूप से खेद प्रकट नहीं किया जाता है,

हड़ताल जारी रहेगी। तहसील बार
एसोसिएशन की इस हड़ताल को कई संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है।

दस्तावेज लेखक
एसोसिएशन भी वकीलों के समर्थन में हडताल पर है।

बार एसोसिएशन गाजियाबाद ने भी तहसील
बार एसोसिएशन का समर्थन किया है।


मांगें पूरी होने तक चलेगी हड़ताल
शुक्रवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और सचिव विकास त्यागी की अध्यक्षता में


बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रमुख सचिव की ओर से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर विरोध
जताया गया। विकास त्यागी ने बताया कि बुधवार को बार एसोसिएशन की ओर से एडीएम वित्त एवं


राजस्व विवेक श्रीवास्तव को ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन इस पर भी सकारात्मक कार्रवाई नहीं
हुई। प्रमुख सचिव अपने तुगलकी फरमान पर अड़ियल रवैया अपना रही हैं।

उनका कहना है कि जब
तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी,

तब तक हड़ताल जारी रहेगी। रजिस्ट्री कार्य पूरी तरह से बंद
रखवाया जाएगा।

किसी भी सब रजिस्ट्रार कार्यालय में कोई काम नहीं होने दिए जाएगा।
पोर्टल पर बनाए हुए हैं नजर


इन दिनों कोई भी दस्तावेज का पंजीकरण कराने के लिए टोकन लेना पड़ता है। टोकन का पोर्टल हर
बैनामा लेखक के यहां खुलता है।

जैसे ही कोई दस्तावेज पंजीकरण के लिए टोकन लेता है तो तुरंत
ही पोर्टल पर पता चल जाता है।

इसको वकील तुरंत रुकवा रहे हैं। बताया जा रहा है को दो दिन
पहले एक रजिस्ट्री कराने वाले युवक के साथ वकीलों की हाथापाई भी हुई। जिसके बाद उसकी
रजिस्ट्री नहीं हो सकी।


रोजाना 600 रजिस्ट्री होती है निबंधन कार्यालय में
गाजियाबाद में आठ सब रजिस्ट्रार कार्यालय हैं।

पांच सब रजिस्ट्रार गाजियाबाद में, दो लोनी व एक
मोदीनगर में कार्यरत है। इन सभी कार्यालय में रोजाना 500 से 600 बैनामे पंजीकृत होते हैं। वकील


व बैनामा लेखकों की हडताल के चलते यह सभी कार्य बंद हैं। इन बैनामा पंजीकरण से विभाग को
रोजाना करीब पांच करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है।

पिछले पांच दिनों में 25 करोड़ रुपये से
ज्यादा के राजस्व का नुकसान हो चुका है।


इसलिए है प्रतिबंध का विरोध
एसोसिएशन की अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को विदेश जाना पड़


जाए तो वह अपने किसी करीबी के नाम संपत्ति का मुख्तारनामा करके जाता है ताकि जब वह विदेश
में हो तो संपत्ति की देखरेख सहित उसकी बिक्री सहित अन्य कार्य वह व्यक्ति करे जिसके नाम पर

मुख्तारनामा हो। यदि संपत्ति जिस व्यक्ति के नाम मुख्तारनामा हुआ है उसके द्वारा बेची जाती है तो
धनराशि मुख्तारकर्ता (असल मालिक) के बैंकखाते में ही जाएगी न कि जिस व्यक्ति के नाम


मुख्तारनामा हुआ है। पावर आफ अटार्नी बंद होने से लोगों को परेशानी होगी। वहीं, अधिवक्ताओं के
काम पर भी फर्क पड़ेगा।