द्वारका एक्सप्रेस-वे हादसा: निर्माण कंपनी के ऊपर 6.67 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना

गुरुग्राम, 20 मार्च द्वारका एक्सप्रेस-वे हादसा मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने निर्माण कंपनी एलएंडटी पर 6.67 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

द्वारका एक्सप्रेस-वे हादसा: निर्माण कंपनी के ऊपर 6.67 करोड़ रुपये का लगाया जुर्माना

गुरुग्राम, 20 मार्च  द्वारका एक्सप्रेस-वे हादसा मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
(एनएचएआइ) ने निर्माण कंपनी एलएंडटी पर 6.67 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

यह राशि सात दिन के
भीतर जमा करनी होगी।

नहीं जमा करने पर टेंडर की राशि में से 6.67 करोड़ रुपये काट लिए जाएंगे। साथ ही
अगले तीन महीने के दौरान कंपनी एनएचएआइ के किसी प्रोजेक्ट के टेंडर के लिए अप्लाई नहीं करेगी।
एनएचएआइ ने लिखित आदेश 16 मार्च को जारी किया है।


गत वर्ष 28 मार्च को गांव दौलताबाद के नजदीक पिलर नंबर 107-109 के बीच की दो स्लैब गिर गई थीं। इससे
काम कर रहे तीन श्रमिक घायल हो गए थे। मामले की जांच के लिए एनएचएआइ ने निर्माण क्षेत्र के तीन विशेषज्ञों


की उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी थी। अब जाकर जांच रिपोर्ट के आधार पर एनएचएआइ ने कार्रवाई की है।


जांच के मुताबिक निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता से समझौता किया गया था।

यही नहीं प्रोजेक्ट के लिए जैसी
कार्यशैली होनी चाहिए, वह नहीं थी। डिजाइन में भी कमी थी। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक निर्माण
जामभुलकर का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है

। आगे से ऐसी चूक न हो, इस बारे में
चेतावनी दी गई है।


हादसे के बाद से कंपनी के अधिकारियों ने सक्रियता बढ़ा दी है। हर स्तर पर जांच करने के बाद ही एलिवेटेड हिस्से
का काम किया जा रहा है। समय-समय पर वह स्वयं दौरा करते हैं।

गुरुग्राम भाग का निर्माण इस साल के अंत
तक जबकि दिल्ली हिस्से का निर्माण अगले साल तक पूरा होगा।
अधिकतर भाग है एलिवेटेड

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए गुरुग्राम इलाके में खेड़कीदौला टोल प्लाजा से
लेकर दिल्ली इलाके में महिपालपुर के नजदीक शिवमूर्ति के सामने तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य चल


रहा है। गुरुग्राम इलाके में निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास है जबकि दिल्ली इलाके की
जिम्मेदारी जय कुमार इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक कंपनी के पास है।

18.9 किलोमीटर हिस्सा हरियाणा में
जबकि बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली इलाके में पड़ता है। 23 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड जबकि लगभग
चार किलोमीटर हिस्सा भूमिगत (टनल) बनाया जा रहा है। इसे केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन
गडकरी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है। कई बार वह इसका निरीक्षण कर चुके हैं।


बड़े प्रोजेक्ट में ओपेन संस्थानों से डिग्री हासिल करने वाले इंजीनियरों को न लगाया जाए। आइआइटी या एनआइटी
से ही डिग्री हासिल करने वालों को काम पर लगाया जाए। साथ ही एनएचएआइ के अधिकारी भी सक्रियता दिखाएं।
-जेएस सुहाग, पूर्व सलाहकार (तकनीकी), एनएचएआइ