नवरात्रि पर मां दुर्गा नाव में सवार होकर सुख-समृद्धि लाएंगी

गाजियाबाद, होली और शबे बरात के बाद अब ईश्वर की पर्व नवरात्र और रमजान भी एक साथ पड़ रहे हैं।

नवरात्रि पर मां दुर्गा नाव में सवार होकर सुख-समृद्धि लाएंगी

गाजियाबाद,  होली और शबे बरात के बाद अब ईश्वर की पर्व नवरात्र और
रमजान भी एक साथ पड़ रहे हैं।

चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो रहे हैं और कलश यात्रा की
स्थापना के लिए सुबह 6 बजे से 11 बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा।

जबकि मुस्लिम भाइयों के लिए
रमजान का पाक महीना 23 मार्च से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है।


दिल्ली गेट स्थित देवी मंदिर के महंत गिरीशानंद गिरि महाराज ने बताया कि चैत्र मास की नवरात्रि
इस बार 22 मार्च को शुरू हो रही है, जो 30 मार्च तक रहेगी। इस बार संपूर्ण 9 दिवसीय नवरात्र


है। इसमें तिथियों की घटबढ़ नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 11 बजकर
4 मिनट पर लग जाएगी।

इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना
के साथ होगी।


मां का आगमन से सुख समृद्धि का संयोग
ज्योतिषाचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा ने बताया कि इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-


समृद्धि कारक कहा जाता है। नवरात्र पर चार ग्रहों का परिवर्तन हो रहा है। यह संयोग 110 वर्षों के
बाद मिल रहा है।

इस बार नव संवत्सर लग रहा है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने
पृथ्वी की रचना की थी।

इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त


22 मार्च को प्रातः 6:04 बजे से 7:30 बजे तक मीन लग्न, उसके पश्चात 9:06 तक मिथुन लग्न
और 11:00 बजे तक वृषभ लग्न है।

तीनों लग्न मां भगवती के आह्वान व कलश स्थापना के लिए
शुभ है।

इसके बाद सिंह लग्न 15:34 बजे से 17:51 बजे तक रहेगा। यदि किसी कारणवश सुबह


कलश स्थापना नहीं हो सकी तो इस समय में भी स्थापना कर सकते हैं।
इन चीजों की करें व्यवस्था

मां भगवती के आह्वान और कलश स्थापना से पहले मिट्टी का कलश, जौ बोने के लिए कोई पात्र,
मिट्टी, जौ, गंगाजल, पवन फूल, मिष्ठान, फल, रोली, चावल, कलावा की व्यवस्था कर लें और


प्रसाद भोग बना ले। सूर्योदय से पहले स्नान आदि से निवृत होकर मंदिर में साफ सफाई करें और
कोई पटरा या चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवती मां की मूर्ति रखें।

ध्यान रहे कि
कलश स्थापना अथवा भगवती के आह्वान में मां का मुख पश्चिम की ओर हो और आपका मुंह
उनके सामने पूरब की ओर हो।