पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सात दिनों की ईडी हिरासत में

नई दिल्ली, 10 मार्च । दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सात दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सात दिनों की ईडी हिरासत में

नई दिल्ली, 10 मार्च ( दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में
दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सात दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट


ने मनीष सिसोदिया को 17 मार्च तक की ईडी हिरासत में भेज दिया। ईडी ने 10 दिनों की हिरासत
मांग की थी। कोर्ट ने आज सीबीआई से जुड़े मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर


सुनवाई टाल दी। अब सीबीआई से जुड़ी जमानत याचिका पर कोर्ट 21 मार्च को सुनवाई करेगा। आज
पेशी के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया के सचिव ने बयान दिया है कि मनीष


सिसोदिया के कहने पर ही मुनाफा बढ़ाया गया और नियमों में बदलाव हुआ। विजय नायर पूरी
साजिश को अंजाम दे रहा था। सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।


ईडी ने कहा कि बुची बाबू ने बताया कि मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता के बीच
राजनीतिक तालमेल था। कविता ने विजय नायर से मुलाकात की थी। मनीष सिसोदिया के इशारे पर


ही विजय नायर टेलीग्राम ऐप पर बुची बाबू से बातचीत करते थे। ईडी ने कहा कि मनीष सिसोदिया
ने कुछ खास पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए आबकारी नीति में बदलाव किया। बड़े व्यापारियों


को विशेष छूट दी और आबकारी कारोबार को निजी हाथों में सौंप दिया। ईडी ने कहा कि सिसोदिया
के सचिव ने अपने बयान में कहा कि उसके नाम पर सिम कार्ड और फोन का इस्तेमाल किया गया।


उन डिजिटल साक्ष्यों को नष्ट करने का मकसद जांच को भटकाना था। मनीष सिसोदिया ने एक साल
के भीतर 14 फोन को नष्ट किया। दूसरे के नाम पर सिम कार्ड और फोन खरीदे।


पेशी के दौरान मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा कि किसी तरह की नीति बनाना चुनी हुई
सरकार का अधिकार है। नीति कई विभागों से गुजरती है। नीति को केंद्र सरकार (उप-राज्यपाल) ने


मंजूरी दी। उप-राज्यपाल की आपत्तियों में 12 फीसदी कमीशन का जिक्र नहीं है। ईडी के हिसाब से
नीति दोषपूर्ण है, ऐसे में मनी लांड्रिंग का मामला नहीं बनता है। सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा


कि ईडी टेंडर पूर्व नीति निर्धारण की जांच कर रही है, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी। क्या जल्दबाजी में
फाइल क्लियर करना गुनाह है। कई उदाहरण है, जहां जल्दबाजी में नीति पास की गई जैसे नोटबंदी।


ये सरकार का अधिकार क्षेत्र है। ईडी ने अब तक एक रुपये की भी सिसोदिया से बरामदगी नहीं की
है। उन्होंने कहा कि ईडी ने कभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया। जमानत पर सुनवाई के एक दिन


पहले गिरफ्तार किया जाता है। अगस्त 2022 में मामला दर्ज हुआ तो अब क्या जल्दी थी। यह कोर्ट
के लिए चिंता की बात होनी चाहिए। एजेंसी दिखाए कि सिसोदिया को एक भी पैसा मिला?


सिसोदिया के वकील ने कोर्ट से कहा कि क्या ये प्रक्रिया सही है। ये सब मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत
सिसोदिया को लंबे समय तक हिरासत में रखने की कोशिश है। पहले अपराध साबित होना चाहिए।

गलत इरादे से गिरफ्तारी की गई है। समय आ गया है कि अदालत ऐसी गिरफ्तारियों पर सख्त हो।
प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद आज सिसोदिया को दोपहर दो बजे कोर्ट में पेश किया गया। ईडी ने


कोर्ट को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि सिसोदिया को 9 मार्च की
शाम 6.20 बजे तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को


9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26
फरवरी को गिरफ्तार किया था।