बाजारों के विकास को लेकर फंड की घोषणा करे सरकार : सीटीआई

नई दिल्ली, 20 मार्च । दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 23 मार्च से शुरू होने जा रहा है. इस बजट पर दिल्ली के व्यापारियों की भी नजर बनी हुई है.

बाजारों के विकास को लेकर फंड की घोषणा करे सरकार : सीटीआई

नई दिल्ली, 20 मार्च  दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 23 मार्च से शुरू होने जा रहा है. इस बजट पर
दिल्ली के व्यापारियों की भी नजर बनी हुई है. व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने भी
व्यापारियों और फैक्ट्री मालिकों से संवाद कर सात सूत्रीय मांगों का ड्राफ्ट तैयार किया है.

सीटीआई चेयरमैन बृजेश

गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि इन सुझावों को दिल्ली सरकार को भेज दिया है

. दिल्ली भर के
तमाम बाजारों और फैक्ट्री मालिकों ने सीटीआई के जारी वाट्सएप नंबर पर अपने सुझाव भेजे हैं. बृजेश गोयल ने
बताया कि सीटीआई को दिल्ली के 1200 व्यापारी संगठनों, फैक्ट्री एसोसिएशन्स, होटल-रेस्टोरेंट एवं बैंक्वेट
एसोसिएशन्स आदि के सुझाव मिले हैं, जिनमें से प्रमुख 7 सुझावों को दिल्ली सरकार को भेज दिया गया है.


1. बाजारों का विकास और फंड आवंटन - दिल्ली के कई बाजारों में मूलभूत सुविधाओं का काफी आभाव है. ट्रेडर्स
के सुझाव मिले कि मार्केट में महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालय,

सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे, तारों को
अंडरग्राउंड किया जाए. कई बाजारों में सड़कें टूटी हुई हैं. जरा सी बारिश में सीवर भर जाते हैं. गंदगी से बुरा हाल
रहता है. दिल्ली सरकार बाजारों के सौंदर्यीकरण पर अलग से फंड आवंटित करे. इससे मार्केट की रौनक बढ़ेगी.
2. शॉपिंग फेस्टिवल और बिजनेस फेयर- देश में दिल्ली बड़ा डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट है. यहां शहरी आबादी की संख्या
अधिक है. देर रात तक बाजारों में चहल-पहल होती है. विदेशी टूरिस्ट भी आते हैं. दिल्ली में यदि शॉपिंग फेस्टिवल
और बिजनेस फेयर आयोजित होने लगेंगे, तो बिजनेस भी उठेगा. सरकार शॉपिंग फेस्टिवल के तहत डिस्काउंट देने
वालों को जीएसटी में छूट दे. इससे कारोबारियों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा.


3. ऐतिहासिक फूड हब का विकास - राष्ट्रीय राजधानी में कई इलाके अपने खान-पान के लिए काफी मशहूर हैं.
स्वाद के शौकीन दूर-दूर से ऐसी जगह पहुंचते हैं. इससे फुटफॉल बढ़ता है.

चांदनी चौक में पराठे वाली गली, नटराज
के भल्ले, छैनाराम की मिठाई, करोल बाग में रौशन दी कुल्फी, कमला नगर में मशहूर कचौड़ी वाला, मोती नगर में
कुमार समौसे वाला, लक्ष्मी नगर में गणेश कचौड़ी वाला समेत कई जगह खान-पान के लिए विख्यात है. ऐसे फूड
हब के विकास पर सरकार को जोर देना होगा. अभी दिल्ली में बड़ी आबादी को इसकी जानकारी नहीं है.


4. वैट एमनेस्टी स्कीम- वैट के तमाम केस पेंडिंग पड़े हैं. जीएसटी को आए चार साल से ज्यादा वक्त हो गया.
पुराने फार्म को लेकर बड़ी परेशानी है. डिपार्टमेंट के नोटिस से व्यापारी परेशान हैं

. सरकार एमनेस्टी स्कीम लेकर
आए. कुछ प्रतिशत जमा कराकर पुराने मामलों से मुक्ति दिलाए. राजस्थान और पंजाब सरकार ने वैट एमनेस्टी
स्कीम की घोषणा की है.


5. जीएसटी रजिस्ट्रेशन का सरलीकरण- बहुत से ट्रेडर्स को जीएसटी का रजिस्ट्रेशन लेना होता है. इन्हें वैरिफिकेशन
में परेशानी आती है. बीच में ऑनलाइन सिस्टम कर दिया था. अब ऑफलाइन भी जाकर डिपार्टमेंट चेक करता है.
विजिट होती है. इसे आसान बनाने की आवश्यकता है. यह सरल होगा,

तो अधिक से अधिक व्यापारी अपने
प्रतिष्ठान को जीएसटी में रजिस्ट्रर्ड कराएगा. इससे सरकार को भी राजस्व मिलेगा.


6. व्यापारियों को पेंशन और हेल्थ इंश्योरेंस- सारी जिंदगी व्यापारी सरकार को टैक्स कलेक्ट करके देता है. इसकी
एवज में कोई पैसा नहीं मिलता. अब ट्रेडर्स की डिमांड है

कि एक उम्र के बाद ट्रेडर्स को पेंशन और हेल्थ इंश्योरेंस
मिलनी चाहिए. सरकार के रेवेन्यू में 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा व्यापारी ही देते हैं.

कोरोना काल में बहुतों की जान
चली गई. कई व्यापारी के परिवार में कोई नहीं है. उन्हें पेंशन और हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा मिलेगी तो ट्रेडर्स को
कुछ राहत मिलेगी, जितना भी टैक्स जीवन में व्यापारी ने दिया है, उसी आधार पर पेंशन फिक्स की जाए.