बूस्टर डोज के लिए टीकाकरण केंद्रों पर नहीं रही भीड़

नोएडा, 16 जुलाई )। सरकारी केंद्रों में शुक्रवार से 18 से 59 आयुवर्ग के लोगों के लिए कोरोनारोधी टीकाकरण अभियान के अंतर्गत निशुल्क एतहियाती खुराक( बूस्टर डोज) लगाई जानी शुरू कर दी गई।

बूस्टर डोज के लिए टीकाकरण केंद्रों पर नहीं रही भीड़

नोएडा, 16 जुलाई ( सरकारी केंद्रों में शुक्रवार से 18 से 59 आयुवर्ग के लोगों के लिए कोरोनारोधी
टीकाकरण अभियान के अंतर्गत निशुल्क एतहियाती खुराक( बूस्टर डोज) लगाई जानी शुरू कर दी गई। पहले दिन


टीका लगवाने के लिए केंद्रों पर भीड़ नहीं रही। सभी केंद्रों पर ऑनलाइन और ऑनस्पॉट दोनों तरह से पंजीकरण की
सुविधा दी गई थी। कुछ लोगों का कहना था

कि कोविन पोर्टल पर स्लॉट बुक कराने में उन्हें दिक्कत हुई।
लक्ष्य से 50 फीसदी से कम हुआ टीकाकरण


जिला अस्पताल में सुबह नौ बजे से पंजीकरण और टीका लगाने की सुविधा शुरू कर दी गई थी। सुबह से ही लोगों
की संख्या कम थी। एक वक्त में 10 से 12 लोग ही टीका लगवाने पहुंच रहे थे। वहीं बीच-बीच में लोगों के न


पहुंचने के कारण कर्मचारियों को खाली भी बैठना पड़ रहा था। स्टाफ का कहना था कि संभव है कि लोगों को अभी
बूस्टर डोज के निशुल्क लगने की जानकारी नहीं है।


अस्पताल की एएनएम उषा चौधरी ने बताया कि पहली और दूसरी खुराक के अलावा बूस्टर डोज मिलाकर 750
लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य था, जिसकी तुलना में 347 लोगों को टीका लगाया गया। इसमें 324 बूस्टर डोज


लगाई गई। उन्होंने कहा कि इसमें 250 टीके मौके पर पंजीकरण कराकर और बाकी लोग ऑनस्पॉट बुकिंग कराकर
टीका लगवाने पहुंचे थे।

सेक्टर 21 जलवायु विहार निवासी अतुल ने कहा कि कोविन पोर्टल पर स्लॉट बुक कराने में


दिक्कत हुई। सेक्टर 27 स्थित निजी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी मोनू ने सबसे पहले टीका लगवाया।
टीका लगवाने के लिए नहीं लगी कतारें


भंगेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीका लगवाने के लिए लोगों की कतारें नहीं लगी। यहां पर करीब 400 खुराक
पहुंची थी। लोगों को टीका लगवाने में दिक्कत न हो, इसके लिए उचित व्यवस्था की गई थी। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी


डॉ. यतेंद्र सिंह ने बताया कि कुल 148 खुराक लगाई गई। इसमें 51 बूस्टर डोज शामिल हैं।


बिना स्लॉट बुक कराए आए लोगों को लौटाया गया


मामूरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिन में टीका लगवाने के लिए लोगों की कतार थी। कुछ लोगों ने बताया कि
स्लॉट न बुक होने के कारण उन्हें लौटा दिया गया था। फिर वे स्लॉट बुक कराकर आए हैं। केंद्र में तैनात स्टाफ का


कहना था कि न तो पंजीकरण और न ही एंट्री करने के लिए कर्मचारी उपलब्ध कराए गए थे। ऐसे में एक ही
कर्मचारी पर तीनों कार्यों का बोझ था। इसलिए कुछ लोगों से कहा गया कि वे स्लॉट बुक कराकर आएं। दोपहर में


कोल्ड चेन में तैनात सिपाही को स्लॉट बुक करने के लिए बैठाया गया। साथ ही एंट्री करने के लिए एक
स्वंयसेविका की मदद ली गई।