लंपी वायरस की बीमारी से भयभीत हैं लोग

नगीना : मवेशियों विशेषकर गौवंश में तेजी से फैल रही लंपी वायरस की बीमारी महामारी का रूप धारण करती जा रही है। कोरोना महामारी से धीरे धीरे उभर कर आए लोग अब गौवंश में तेजी से फैल रही इस बीमारी को लेकर बेहद भयभीत हैं।

लंपी वायरस की बीमारी से भयभीत हैं लोग

नगीना : मवेशियों विशेषकर गौवंश में तेजी से फैल रही लंपी वायरस की बीमारी महामारी का रूप धारण करती जा रही है।

कोरोना महामारी से धीरे धीरे उभर कर आए लोग अब गौवंश में तेजी से फैल रही इस बीमारी को लेकर बेहद भयभीत हैं।पशु चिकित्सालय में न तो इस बीमारी की कोई दवाई है

और न ही कोई वैक्सीन है।शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गौवंश पालकर जीविका चलाने वाले लोग बेहद चिंतित हैं। क्योंकि एक गाय की कीमत 50 हजार रूपए से लेकर एक

लाख रूपए तक है।यदि इस बीमारी से कोई गाय मर जाती है तो पशुपालक को सीधे 50 हजार से एक लाख रुपए तक का नुकसान हो जाएगा।अभी सरकार ने मुआवजा देने की घोषणा नहीं की है।

              शहरी क्षेत्र के लोग इस बात से बेहद चिंतित हैं कि नगर क्षेत्र में प्रत्येक मोहल्ले में दूध न देने वाली लंपी वायरस से ग्रसित गाय 24 घंटे खुली घूमती रहती हैं और खाने की तलाश में घरों के दरवाजों पर आकर

खड़ी हो जाती हैं।सबसे बुरी हालत नगर की सबसे बड़ी कॉलोनी लाइनपार की आजाद कॉलोनी की है।यहां करीब एक दर्जन दूध न देने वाली संक्रमित गायं लोगों के घरों के दरवाजों पर खड़ी हो जाती हैं।इन गायों के

कानों में पीतल के आईडी टोकन भी लगे हैं।दूध बेचने का कारोबार करने वाले पशुपालक इन गायों के दूध से भाग जाने(दूध न दे पाने)पर खुल्ला छोड़ देते हैं।छुट्टा घूमने वाली ये गौ माताएं मरणासन्न अवस्था में है

और जब ये गौ माताएं स्वर्ग लोक में चली जाती हैं।(मृत्य हो जाती है)।तो उनके शव सड़ते रहते हैं और वायरस व बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।प्रशासन को इन गौ माताओं के स्वामियों का पता लगा कर उन्हे

यह चेतावनी देकर  उनके सुपुर्द करना चाहिए कि गौ माताओं को खुल्ला घूमने के लिए नहीं छोड़ेंगे और

यदि इन गौ माताओं के स्वामियों का पता न चल सके तो इन गायों को गौशालाओं में छुड़वाना चाहिए।ताकि बच्चों,महिलाओं व लोगों को इस वायरस के संक्रमण से बचाया जा सके।

                 दूसरे लोग इस बात को लेकर भी बहुत चिंतित हैं कि जिनके छोटे छोटे बच्चें आयुर्वेदाचार्यों के परामर्श पर गाय के दूध को पीते हैं और बड़े लोग भी चिकित्सीय उपचार में गाय के दूध का सेवन करते हैं,वे

इस बात को लेकर भयभीत हैं कि कहीं दूध बेचने वाले या दूधिया लंपी वायरस से संक्रमित गाय का दूध तो

सप्लाई नहीं कर रहे हैं और संक्रमित गायों का दूध पीने से वे भी इस बीमारी की चपेट में न आ जाएं। क्योंकि लंपी वायरस अब महामारी का रूप धारण करता जा रहा है।