लाडली बहना योजना को लेकर सीएम शिवराज सख्त

भोपाल, 28 मार्च ( मप्र में शुरु हो रही लाड़ली बहना योजना में महिलाओं से केवाइसी कराने के एवज में पैसे लेने की शिकायतों पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई है।

लाडली बहना योजना को लेकर सीएम शिवराज सख्त

भोपाल, 28 मार्च ( मप्र में शुरु हो रही लाड़ली बहना योजना में महिलाओं से केवाइसी
कराने के एवज में पैसे लेने की शिकायतों पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताई है।


सीएम ने केवाइसी के एवज में पैसे लेने वालों को सख्त लहजे में कहा कि मेरी बहनों से पैसे लेने की
जुर्रत न करें, वरना अंजाम बुरा होगा।


आज रात 9 बजे प्रदेश भर के अफसरों की क्लास लेंगे सीएम
भोपाल के स्मार्ट पार्क में पौधारोपण के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा मुझे बताते हुए


खुशी है कि मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के फार्म प्रदेश भर में भरने शुरु हो गए हैं। अभी केवल
तीन दिन में शुरुआती कुछ परेशानी आई हैं। लेकिन तीन दिन में 6 लाख 96 हजार 522 आवेदन


भरे जा चुके हैं। आज रात नौ बजे वीसी के जरिए प्रदेश भर के कमिश्नर कलेक्टर्स से लेकर सभी


अधिकारियों को जोड़कर चर्चा करूंगा। ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी हो तो उसका समाधान
किया जा सके।


सरकार केवाइसी के लिए दे रही 15 रुपए
सीएम ने कहा बहनों को ई केवाइसी के लिए कॉमन सर्विस सेंटर, एमपी ऑनलाइन को 15 रुपया हम


दे रहे हैं। इक्का-दुक्का जगहों पर 50-50 रूपया लेने की शिकायतें मिलीं। तो उन्हें जेल भी भेजा गया
है। कोई बहनों से पैसे मांगने की जुर्रत न करे। नहीं तो अंजाम बुरा होगा। बहनों से निवेदन है कि


एक नया पैसा न दें। जहां ईकेवाइसी होनी है वहां केवल 181 पर फोन कर देंगे। कानून और व्यवस्था
और बेहतर बनाना सदैव हमारा लक्ष्य रहा है।

लगातार कडे़ और बडे़ फैसले ले रहे हैं।
कौन से दस्तावेज होना जरूरी


आवेदन भरने के लिए महिलाओं को कैम्प में परिवार की समग्र आईडी, स्वयं की समग्र आईडी और
खुद का आधार कार्ड लेकर आना होगा। गांव, वार्ड में लगे कैम्प के प्रभारी महिला द्वारा भरे गए


आवेदन पत्र के अनुसार पूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इसके बाद महिला की ऑन स्पॉट

फोटो निकालकर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन सब्मिट होने के बाद पावती का
प्रिंट आउट भी महिला को दिया जाएगा।

आवेदकों की लिस्ट ग्राम पंचायत, वार्ड में चस्पा की जाएगी।
आपत्तियों का ऐसे होगा निराकरण


यदि कोई नाम छूट गया है या गलत जानकारी देकर नाम जुड़ा है, तो आपत्तियों के बाद सुधार किया
जा सकेगा। आपत्तियों के लिए ग्राम,

वार्ड के प्रभारी को लिखित और 181 पर ऑनलाइन भी आपत्ति
दर्ज कराई जा सकेगी।


ग्रामीण क्षेत्रों में आपत्तियों के निराकरण के लिए जनपद पंचायत के सीईओ, उस एरिया के नायब
तहसीलदार, महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी की समिति बनाई जाएगी।


नगर परिषद क्षेत्र में आपत्तियों के निराकरण के लिए तहसीलदार, नगर परिषद सीएमओ, महिला
बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी की समिति बनाई जाएगी।


नगर निगम क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त, शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी और
महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ की समिति बनाई जाएगी।


ऐसे होगी आवेदनों की जांच और अंतिम सूची का प्रकाशन
आवेदनों पर आई आपत्तियों की जांच और निराकरण के लिए 15 दिनों में समिति को निर्णय करना


होगा। समिति केवल उन्हीं प्रकरणों पर विचार करेगी, जिन आवेदनों पर आपत्तियां आई हैं। इसके
अलावा बाकी आवेदनों का राज्य स्तर पर रेंडम सिलेक्शन कर उनकी पात्रता की जांच की जाएगी।


आपत्तियों की जांच के बाद अंतिम सूची जारी की जाएगी। पात्र हितग्राहियों को स्वीकृति पत्र भी दिए
जाएंगे।


मध्यप्रदेश के आधे महिला वोटरों पर भाजपा की नजर
इस समय मप्र में 2.60 करोड़ से अधिक महिला वोटर हैं। सरकार ने 23 से 60 वर्ष तक की


महिलाओं को योजना का लाभ देने की बात की है। सर्वाधिक दो करोड़ महिलाएं इसी आयु वर्ग के
बीच आती हैं।

पांच एकड़ से कम कृषि भूमि वाले 76 लाख परिवार हैं। इसी तरह 1.10 करोड़ राशन
कार्ड धारियों में महिलाएं मुखिया के तौर पर हैं। इनमें किसान परिवार भी शामिल हैं।