स्कूल कैब के काटे जा रहे चालान पर विरोध जताया

नई दिल्ली, 05 अगस्त (। स्कूली कैब के काटे जा रहे चालान को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। स्कूल ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के बैनर तले शुक्रवार को चालकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कुछ इलाकों में स्कूलों के सामने भी प्रदर्शन किया।

स्कूल कैब के काटे जा रहे चालान पर विरोध जताया

नई दिल्ली, 05 अगस्त  स्कूली कैब के काटे जा रहे चालान को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। स्कूल
ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के बैनर तले शुक्रवार को चालकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। कुछ इलाकों में


स्कूलों के सामने भी प्रदर्शन किया। यूनियन की ओर से कहा गया है कि 15 अगस्त तक काली पट्टी बांधकर कैब
चलाएंगे, उसके बाद आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री के साथ बैठक में सहमति बनने के बाद भी


चालान काटे जा रहे हैं। शुक्रवार को भी चालान काटे गए, जिसमें एक कैब चालक पर तो साढ़े 15 हजार रुपये का
जुर्माना लगाया गया।

यूनियन के अध्यक्ष रामचंद्र का कहना है कि परिवहन मंत्री के साथ हुई बैठक में सहमति बनी थी कि जब तक
निजी कैब को कमर्शियल में बदला नहीं जाता तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस पर विभाग की ओर से फाइल


आगे बढ़ा भी दी गई है, लेकिन निचले स्तर पर कैब चालकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सोमवार के
बाद से हर दिन 40 से 50 चालान काटे जा रहे हैं। रामचंद्र का कहना है कि परिवहन विभाग तर्क दे रहा है कि


सिर्फ ओवर लोड कैब का चालान काटा जा रहा है लेकिन, शुक्रवार को बिना ओवरलोड कैब का भी चालान किया
गया। इसे लेकर हमारी तरफ से वीडियो के साथ ट्वीट भी किया गया।


ट्वीट के जवाब में परिवहन विभाग के विशेष आयुक्त की तरफ से री-ट्वीट कर जवाब दि

या गया कि कानून से
समझौता कोई नहीं करेगा। एसोसिएशन का आरोप है कि बीते 19 दिनों से टारगेट रखकर कार्रवाई की जा रही है।


भारी रकम के चालान काटे जा रहे हैं, जिसके चलते कैब चालकों पर बोझ बढ़ रहा है। उधर, परिवहन विभाग की


ओर से कहा गया है कि कार्रवाई कानून और नियमों के दायरे में की जा रही है। छात्रों की सुरक्षा के साथ कहीं कोई
खिलवाड़ नहीं की जा सकती है। बाकी उनकी जो मांगे हैं, उन पर काम चल रहा है।


फिर हुई हड़ताल तो बढ़ेगी मुश्किलें : कैब चालक 15 अगस्त का इंतजार कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के चलते
आंदोलन की अनुमति नहीं मिल रही है। यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि इस बार बड़ा आंदोलन करेंगे। सभी


कैब चालकों का मानना है कि इस पर जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, तब तक हड़ताल पर रहेंगे। अगर ऐसा
होता है तो करीब चार लाख परिवार प्रभावित होंगे,

जिनके करीब छह लाख बच्चे हर रोज स्कूली कैब का इस्तेमाल
करते हैं। बीते सोमवार को भी एक साथ करीब 35 हजार कैब चालकों की हड़ताल के बाद अभिभावकों को परेशानी
का समना करना पड़ा था।