केरल में सात मार्च को मनाया जाएगा ‘आट्टुकाल पोंगाला’

तिरुवनंतपुरम, 06 मार्च । तिरुवंनतपुरम के आट्टुकाल भगवती मंदिर की देवी को ‘पोंगाला’ अर्पण करने के लिए मंगलवार को ‘आट्टुकाल पोंगाला’ मनाया जाएगा,

केरल में सात मार्च को मनाया जाएगा ‘आट्टुकाल पोंगाला’

तिरुवनंतपुरम, 06 मार्च (तिरुवंनतपुरम के आट्टुकाल भगवती मंदिर की देवी को ‘पोंगाला’


अर्पण करने के लिए मंगलवार को ‘आट्टुकाल पोंगाला’ मनाया जाएगा, जिसमें हजारों महिला श्रद्धालु
एकत्रित होंगी।


पिछले दो साल के मुकाबले इस साल ‘पोंगाला’ कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के बगैर मनाया जाएगा,
जिसके कारण बड़ी संख्या में महिलाओं के उमड़ने की संभावना है।


‘आट्टुकाल पोंगाला’ को दुनिया में महिलाओं की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक माना जाता है,
जिसके लिए चावल,

गुड़ और कसे हुए नारियल के मिश्रण से बने ‘पोंगाला’ को मिट्टी या धातु के
बर्तनों में पकाने के वास्ते तिरुवनंतपुरम की सड़कों पर ईंट के चूल्हे बनाए गए हैं।

‘‘महिलाओं के सबरीमला’’ के नाम से मशहूर तिरुवनंतपुरम के आट्टुकाल मंदिर के इस वार्षिक उत्सव


के दौरान ‘पोंगाला’ बनाना महिलाओं की एक पवित्र रस्म मानी जाती है। इस रस्म में केवल महिलाएं
ही हिस्सा ले सकती हैं।


कोविड-19 महामारी के बाद इस बार बड़ी संख्या में महिलाओं के उमड़ने के मद्देनजर पुलिस और


दमकल विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक बंदोबस्त किए हैं कि उत्सव में कोई अप्रिय
घटना न हो या जनता को कोई असुविधा न हो।


पुलिस ने छह और सात मार्च को तिरुवनंतपुरम शहर में भारी और मालवाहक वाहनों की आवाजाही
पर पाबंदी लगाई है। श्रद्धालुओं को भी फुटपाथ पर चूल्हे न रखने का निर्देश दिया गया है। उन्हें


सड़कों पर चूल्हे बनाते वक्त आपातकालीन वाहनों के लिए रास्ता छोड़ने को भी कहा गया है।
महिलाओं की दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभा होने के लिए इस त्योहार को 2009 में ‘गिनीज बुक


ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज किया गया था, जब एक ही दिन में 25 लाख महिलाओं से इसमें भाग
लिया था।