छठी माता सामाजिक समरसता की सबसे बड़ी प्रतिमूर्ति : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 30 अक्टूबर उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को छठ पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि पूरे लोक को साथ-साथ लेकर चलने वाला यह पर्व, प्रकृति पूजा के साथ-साथ ब्रह्मांड देवता सूर्य भगवान की उपासना की हम सबको प्रेरणा देता है।

छठी माता सामाजिक समरसता की सबसे बड़ी प्रतिमूर्ति : योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 30 अक्टूबर । उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को
छठ पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि पूरे लोक को साथ-साथ लेकर चलने वाला यह पर्व, प्रकृति


पूजा के साथ-साथ ब्रह्मांड देवता सूर्य भगवान की उपासना की हम सबको प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा
कि हम लोग सूर्य को अर्घ्य देते हैं और छठी माता, जिनकी पूजा करते हैं, वह सामाजिक समरसता


की सबसे बड़ी प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने कहा कि छठी माई की कृपा से ही हम लोग इस आस्था से जुड़े
हैं।


रविवार को यहां गोमती तट के लक्ष्मण मेला मैदान में आयोजित छठ पूजा समारोह को बतौर मुख्य
अतिथि संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सूर्य हमारी परंपरा में जगत पिता कहे गये


हैं और इस सृष्टि की कल्पना ही नहीं की जा सकती अगर सूर्य देव न हों। उन्होंने कहा कि इस
चराचर जगत में कुछ भी दृष्टिगोचर नहीं हो सकता अगर सूर्य भगवान न हों।


योगी ने कहा कि उनके (सूर्य) के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करके हम लोग जल से अर्घ्य देते हैं और यह
कार्यक्रम तभी सफल होता है

जब व्‍यक्ति अंत:करण से शुद्ध हो। यह आयोजन सामाजिक समरसता
का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

उन्‍होंने स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा, ”हम सब जानते हैं कि यह
लोक आस्था का पर्व है और पूरा समाज मिलकर इस आयोजन के साथ जुड़ता है। पर्व और त्यौहार


का महत्व ही सामूहिकता का दर्शन है। हम सब मिलकर एक जुट होकर प्रकृति के प्रति, स्वच्छता के


प्रति और लोक आस्था के प्रति किस समर्पित भाव के साथ कार्य कर रहे हैं, उसका एक आदर्श
उदाहरण छठ जैसे पर्व हैं।”


मुख्यमंत्री ने विस्तार से छठ का महत्व समझाते हुए कहा कि जहां कहीं भी भोजपुरी समाज है, देश
और दुनिया में हर जगह आज यही कार्यक्रम चल रहा होगा। यह बिहार, झारखंड, पूर्वी उप्र, नेपाल


की तराई और यहां से जुड़े लोग देश-दुनिया में जहां जहां गये, वहां यह पर्व मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चार चरणों में यह कार्यक्रम होता है और अंत:करण और वाह़य शुद्धि पर पूरी तरह


ध्यान दिया जाता है। अंत और वाह़य शुद्धता पर ध्यान देते हुए इस पूरे कार्यक्रम को आयोजित
किया जाता है। उन्‍होंने कहा कि माताएं बहनें अस्‍ताचल की ओर जा रहे सूर्य को अर्घ्य देंगी और


जल से दिया जाने वाला यह अर्घ्य बगैर शुद्धि के संभव नहीं हो सकता है। छठ के अवसर पर
अस्ताचलगामी सूर्य और उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने की परम्परा है।


योगी ने कहा कि ईश्वर की कृपा बिना भेदभाव के हम सबको प्राप्त होती है, उसको लेने की सामर्थ्य


और शक्ति होनी चाहिए। उन्‍होंने छठ के पर्व पर आयोजन समिति और प्रशासन के कार्यों की

सराहना करते हुए आमजन से आह्वान किया कि पर्व के बाद भी कहीं गंदगी नहीं दिखनी चाहिए
ताकि हमारे पर्व और त्यौहार पर कोई आंच न आए। इस मौके पर भोजपुरी समाज के अध्यक्ष


प्रभुनाथ राय ने मुख्यमंत्री और सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश


पाठक, विधान परिषद सदस्‍य गोविंद नारायण शुक्ल, मुख्‍य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, प्रमुख सचिव
गृह संजय प्रसाद समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।