जाली दस्तावेज इस्तेमाल कर बैंकों से कर्ज लेने के आरोप में तीन व्यक्ति गिरफ्तार

नई दिल्ली, 09 मार्च )। दिल्ली में जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कर्ज लेकर कई बैंकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

जाली दस्तावेज इस्तेमाल कर बैंकों से कर्ज लेने के आरोप में तीन व्यक्ति गिरफ्तार

नई दिल्ली, 09 मार्च (। दिल्ली में जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कर्ज लेकर कई बैंकों
से धोखाधड़ी करने के आरोप में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक बैंक से


2.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।


पुलिस उपायुक्त (साइबर प्रकोष्ठ) प्रशांत गौतम ने कहा कि ऋण प्राप्त करने के लिए वे कुछ


व्यक्तियों के साथ मिलकर आधार कार्ड बनवाते या अपडेट करवाते थे। इन व्यक्तियों को वे एक
निश्चित धनराशि देने का वादा करते थे।


उपायुक्त ने कहा कि वे ऋण का इस्तेमाल करके कार खरीदते और फिर ज्यादा दामों पर उन्हें बेच
देते थे।


उन्होंने कहा कि आरोपियों ने नई कारों के लिए पैसे का प्रबंध करने को लेकर जाली आधार कार्ड व
अन्य दस्तावेजों का उपयोग करते हुए विभिन्न बैंकों में कई बचत खाते खुलवाए थे।


उपायुक्त ने कहा, “उन्होंने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके कई ऑनलाइन बचत खाते खुलवाए


और एचडीएफसी बैंक से अलग-अलग बार कुल मिलाकर 2.5 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया।
साथ ही विभिन्न बैंकों से कर्ज लेकर 10 से अधिक कार खरीदीं।


पुलिस ने कहा कि भुगतान में गड़बड़ी करने के बाद वे उस पते से गायब हो जाते थे, जो उन्होंने बैंक
को प्रदान किए थे।


उन्होंने कहा कि विजय चौधरी, बीरेंद्र और कुलदीप को गिरफ्तार किया कर लिया गया है। फर्जी


दस्तावेजों का उपयोग करके ली गईं और बेची गईं दो कार और आठ लाख रुपये जब्त कर लिए गए
हैं।


चौधरी इस मामले में मुख्य आरोपी है और दो अन्य आरोपी उसके सहयोगी हैं।


पुलिस के अनुसार, एचडीएफसी बैंक से एक शिकायत मिलने पर यह मामला सामने आया। शिकायत
में बैंक की ओर से कहा गया कि अलग अलग व्यक्तियों के नाम से ऑनलाइन खोले गए 15 बचत


खातों की पहचान की गई है। इन लोगों ने कर्ज लिया लेकिन उसे नहीं अदा किया और अब इन लोगों
का कोई अता-पता नहीं है।


पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला कि ये 15 बैंक खाते पांच लोगों ने अलग अलग
नाम, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पते का इस्तेमाल कर खोले थे।

डीसीपी गौतम ने बताया कि जांच के दौरान यह भी पता चला कि गिरोह के एक सदस्य ने रमेश


वर्मा की फर्जी पहचान से पटपड़गंज औद्योगिक इलाके में एक शोरूम में एक कार बुक की थी और
उसने उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद का झूठा पता दिया था।


गौतम के अनुसार, सूचना मिली कि यह लोग कार लेने के लिए 28 फरवरी को शोरूम आ सकते हैं।
उन्होंने बताया ‘‘जब आरोपी विजय और बीरेंदर शोरूम आए तो उन्हें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर


बुक की गई कार लेते हुए पकड़ लिया गया। फिर तीसरे आरोपी कुलदीप को बहादुरगढ़ सीमा से
पकड़ा गया।’’