दिल्ली-एनसीआर के 53 फीसदी लोगों की नजर में वायु प्रदूषण का कारण पराली जलाया जाना: सर्वेक्षण

नई दिल्ली, 03 नवंबर । दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 53 फीसदी लोगों की नजर में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का ‘प्राथमिक कारण’ पड़ोसी राज्यों में पराली का जलाया जाना है।

दिल्ली-एनसीआर के 53 फीसदी लोगों की नजर में वायु प्रदूषण का कारण पराली जलाया जाना: सर्वेक्षण

नई दिल्ली, 03 नवंबर  दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 53 फीसदी
लोगों की नजर में वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि का ‘प्राथमिक कारण’ पड़ोसी राज्यों में पराली का


जलाया जाना है। एक सर्वेक्षण के आधार पर यह दावा किया गया है। यह सर्वेक्षण लोकल सर्किल्स
की ओर से किया गया जो 20 हजार नागरिकों के जवाब पर आधारित है। सर्वेक्षण के मुताबिक करीब


10,037 लोगों ने पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाये जाने को राजधानी में खराब वायु
गुणवत्ता का मूल कारण बताया।


दिल्ली की हवा बृहस्पतिवार को भी ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
(सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह नौ बजकर 10


मिनट पर 426 रहा। रिपोर्ट के मुताबिक 13 फीसदी लोगों को लगता है कि वायु प्रदूषण का मुख्य
कारण ‘वाहनों से होने वाला उत्सर्जन’ है, जबकि सात फीसदी लोगों ने इसके लिए शहर में ‘कूड़ा


जलाने’ को जिम्मेदार ठहराया। सर्वेक्षण के मुताबिक सात फीसदी लोगों ने ‘औद्योगिक उत्सर्जन’ और
सात फीसदी लोगों ने ‘निर्माण गतिविधियों’ को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया।


‘सम-विषम’ वाहन कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर करीब 10547 लोगों ने कहा कि वे इस योजना
का ‘समर्थन नहीं’ करते। आंकड़ों से पता चलता है कि 56 फीसदी लोग इसका समर्थन नहीं करते


जबकि 38 फीसदी लोगा वायु प्रदूषण घटाने के लिए इस कदम का समर्थन करते हैं। लोकल सर्किल्स


एक सामुदायिक सोशल मीडिया मंच है जो प्रशासन, सार्वजनिक और उपभोक्ताओं के हितों से जुड़े
मुद्दों पर सर्वेक्षण कराता है।