दिल्ली से 36 लाख पुराने वाहनों को हटाने में लग जाएंगे सैकड़ों साल

नई दिल्ली, 02 अप्रैल ( दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अवैध घोषित की जा चुकी 36 लाख गाड़ियों को सड़कों से हटाना परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई

दिल्ली से 36 लाख पुराने वाहनों को हटाने में लग जाएंगे सैकड़ों साल

नई दिल्ली, 02 अप्रैल (दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा अवैध घोषित की जा चुकी 36
लाख गाड़ियों को सड़कों से हटाना परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गई


है। बीते दो वर्षों में जिस रफ्तार से पुराने वाहनों को जब्त कर कबाड़ (स्क्रैप) में भेजा गया है, उसी
रफ्तार से काम हुआ तो पूरी तरह से दिल्ली से पुराने वाहनों को हटाने में 736 साल लग जाएंगे.


राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था। इससे पहले


एनजीटी ने भी 10 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के परिचालन पर
प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।


दिल्ली सरकार की स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत पुराने वाहन को अगर स्क्रैप कराने पर नए वाहनों के
पंजीकरण में कुछ रियायत दी जाती है। लेकिन इन योजनाओं के बावजूद दिल्ली में पुराने वाहन चल


रहे हैं। विभाग के सामने बड़ी चुनौती है कि डी-रजिस्टर्ड की जा चुकी 36 लाख वाहनों को कैसे हटाया
जाए. आंकड़ों के अनुसार,

दिल्ली में 2022-23 में 8,444 पुराने वाहनों को जब्त किया गया है।
जबकि, 2021-22 में जब्त किए गए वाहनों की संख्या 2,931 थी।


रोड पर पार्क मिली गाड़ी तो होगी जब्तः पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने पुराने
वाहनों को सीधे कबाड़ में भेजने का अभियान शुरू किया है। अफसरों के अनुसार, इसका उद्देश्य


वाहन मालिकों को दिल्ली में अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए प्रोत्साहित करना है।
अधिकारी बताते हैं कि नई पहल के तहत यदि गाड़ी सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर पार्क मिली तो


उन्हें सीधे जब्त कर लिया जाएगा और स्कैपिंग यार्ड में भेज दिया जाएगा. परिवहन विभाग की


इंफोर्समेंट विंग की 10 टीमें 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन को
खिलाफ जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर चुकी है।


पुराने वाहनों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट कराना है विकल्पः ट्रांसपोर्ट के एक्सपर्ट एसपी सिंह का कहना है
कि पुराने वाहनों मालिकों के लिए एक विकल्प यह है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने


पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलवा सकते हैं। हालांकि, सूचीबद्ध इलेक्ट्रिक किट वाले ऐसे वाहनों
की रिट्रोफिटमेंट परिवहन विभाग द्वारा अनुमोदित एजेंसियों के माध्यम से ही करवानी होगी. इसके


अलावा एक अन्य विकल्प यह है कि पुराने वाहनों के लिए परिवहन विभाग एनओसी जारी करता है।
10 साल से ऊपर के डीजल वाहन और 15 साल से ऊपर के पेट्रोल वाहनों के लिए कुछ शर्तों के साथ


अन्य राज्यों के लिए एनओसी जारी की जाएगी. एनओसी उन राज्यों के लिए जारी नहीं की जाएगी,
जिन्हें एनजीटी के निर्देशों के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जा चुका है।