नवरात्र के चौथे दिन वैष्णो देवी मंदिर में मां कूष्मांडा की हुई पूजा

फरीदाबाद, 29 सितंबर (महारानी वैष्णो देवी मंदिर में नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई। इस मौके पर भक्तजनों ने माता के जयकारे लगाए और मां के गीतों का गुणगान किया।

नवरात्र के चौथे दिन वैष्णो देवी मंदिर में मां कूष्मांडा की हुई पूजा

फरीदाबाद, 29 सितंबर महारानी वैष्णो देवी मंदिर में नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा
की पूजा-अर्चना की गई।

इस मौके पर भक्तजनों ने माता के जयकारे लगाए और मां के गीतों का
गुणगान किया।

इस अवसर पर मंदिन के प्रधान सेवक जगदीश भाटिया ने बताया कि सुबह से ही
भक्तों का जमावड़ा मंदिर में लगा रहा तथा माता की आरती कर सभी की सुख-समृद्धि की कामना


की गई। इस मौके पर बेटी बचाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक हरीश चंद्र आजाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष
नीतू लांबा व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रजत लांबा के अलावा सुशील भाटिा, बलबीर, प्रीतम भाटिया, एसपी


भाटिया, बलजीत, दिनेश सहित अन्य गणमान्यजनों ने माता की आरती में शिरकत की। इस मौके
पर प्रधानसेवक जगदीश भाटिया ने कहा कि महारानी वैष्णो देवी मंदिर में दूर-दराज से लोग माता के


दर्शन के लिए आ रहे हैं तथा अनेक भक्त ऐसे हैं जिनकी मनोकामना पूर्ण होने पर माता को नमन
करने आ रहे हैं। जगदीश भाटिया ने कहा कि मां कूष्मांडा अपने भक्तों के कष्ट और रोग का नाश


करती है। मां कूष्मांडा की पूजा उपासना करने से भक्तों को सभी सिद्धियां मिलती हैं। मान्यता है
कि मां की पूजा करने से व्यक्ति के आयु और यश में बढ़ोतरी होती है।

उन्होंने बताया कि मां दुर्गा
से ही ब्रह्मांड की रचना हुई है।

ऐसी मान्यता है कि जब सृष्टि में चारों ओर अंधकार था और कोई
जीव-जंतु भी नहीं था। उसी समय मां ने सृष्टि की रचना की। इसलिए ही मां के इस स्वरूप को


कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है। मां का यह स्वरूप भक्तों का अनंत फल देने वाला है। जो भक्त
बिना लालच के मां की आराधना करता है तो सृष्टि में उसका कभी अमंगल नहीं होता है। जब-जब


देवों पर कोई संकट आया है तो मां ने ही उनको संकट मुक्त किया है। मां ने कई राक्षसों का वध
कर देवता और जीवों को उनके अत्याचार से मुक्ति दिलाई।