निठारी कांड : कोली को फांसी व पंधेर को सात साल कैद की सजा

गाजियाबाद, 19 मई नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के एक मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश राकेश त्रिपाठी की अदालत ने बृहस्पतिवार को सुरेंद्र कोली को फांसी व मोनिदर सिंह पंधेर को सात साल कैद की सजा सुनाई।

निठारी कांड : कोली को फांसी व पंधेर को सात साल कैद की सजा

गाजियाबाद, 19 मई (। नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड के एक मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश
राकेश त्रिपाठी की अदालत ने बृहस्पतिवार को सुरेंद्र कोली को फांसी व मोनिदर सिंह पंधेर को सात साल कैद की


सजा सुनाई। अदालत ने सुरेंद्र कोली पर 62 हजार व मोनिदर सिंह पंधेर पर चार हजार रुपये जुर्माना लगाया।
सीबीआइ के लोक अभियोजक दर्शन लाल ने बताया कि इस मामले में सीबीआइ की तरफ से कुल 83 गवाहों के
बयान दर्ज कराए गए। पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने सुरेंद्र कोली को हत्या, दुष्कर्म,
साजिश रचने व साक्ष्य मिटाने व मोनिदर सिंह पंधेर को अनैतिक देह व्यापार का दोषी मानते हुए सजा सुनाई।
वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर त्यागी व नवीन त्यागी ने बताया कि इस मामले में तीसरी आरोपित यूपी पुलिस की
महिला सब-इंस्पेक्टर सिमरजीत कौर को भ्रष्टाचार व साक्ष्य मिटाने के आरोप से अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में


बरी किया। मालूम हो, कि 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले में पुलिस
को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे, जिसके बाद पुलिस ने मोनिदर सिंह पंधेर और सुरेंद्र कोली को


गिरफ्तार किया था। बाद में मामला सीबीआइ को स्थानांतरित हो गया था। वर्ष 2007 में सीबीआइ ने आरोप पत्र
पेश किया था। निठारी कांड में कुल 16 मामले दर्ज हुए थे।


सीबीआइ की विशेष अदालत में निठारी कांड का यह मामला अंतिम था। सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में फांसी की
सजा सुनाई गई, जबकि तीन मामलों में बरी हो चुका है। मोनिदर सिंह पंधेर को सीबीआइ की विशेष अदालत तीन


मामलों में फांसी की सजा दे चुकी है। सजा के प्रश्न पर सुनवाई के दौरान अभियोजन की दलील


सीबीआइ के लोक अभियोजक ने कहा कि सुरेंद्र कोली का अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है। इतनी क्रूरता पीड़िता
के प्रति बरती गई, जो समाज को झकझोर देती है। सुरेंद्र कोली ने काम दिलाने के बहाने पीड़िता को सेक्टर-31,


नोएडा स्थित डी-पांच कोठी पर बुलाया और दुष्कर्म के बाद उसकी चुन्नी से गला दबाकर हत्या की। शव को कोठी
के बाथरूम में ले जाकर काटकर टुकड़े किए गए और पन्नियों में भरकर कोठी के पीछे स्थित नाले में फेंक दिया


गया। इस जघन्य अपराध के लिए सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। लोक अभियोजक ने कहा कि
मोनिदर सिंह पंधेर वेश्याओं को विभिन्न इलाकों से वेश्यावृति के लिए अपनी कोठी पर बुलाता था। लिहाजा उसे भी
कड़ी सजा दी जानी चाहिए।


कोली व पंधेर ने यह दी दलील
मोनिदर सिंह पंधेर ने कहा कि वह बीमार है।

जेल के अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। बीते 15 सालों से
वह मुकदमा लड़ कर रहा है। लिहाजा कम से कम सजा दी जाए।

सुरेंद्र कोली ने कहा कि उसे झूठा फंसाया गया
है। पीड़िता का शव बरामद नहीं हुआ है। फिर भी उसे दोषी मानना गलत है।