बकरीद में सरकारी आदेशों का पालन करते हुए करें कुर्बानी : मौलाना मदनी

लखनऊ, 27 जून । जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी कर मुस्लिम भाईयों को बकरीद का त्योहार शांति एवं सौहार्द के साथ मनाने की अपील की है।

बकरीद में सरकारी आदेशों का पालन करते हुए करें कुर्बानी : मौलाना मदनी

लखनऊ, 27 जून  जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मंगलवार को
एक एडवाइजरी जारी कर मुस्लिम भाईयों को बकरीद का त्योहार शांति एवं सौहार्द के साथ मनाने की


अपील की है। उन्होंने कहा कि बकरीद पर मुस्लिम समाज के लोग प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से
बचें। कुर्बानी करते समय सरकारी आदेशों का पूर्णतः पालन करें।


जमीयत उलमा-ए-हिन्द के प्रेस सचिव फज़लुर्रहमान की तरफ से मौलाना अरशद मदनी का बयान जारी
किया है। इसमें कहा है कि इस्लाम में कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं हैं। यह एक धार्मिक जिम्मेदारी है,


जिसका पालन करना हर क्षमता रखने वाले मुसलमान पर अनिवार्य है। इसलिए जिस व्यक्ति पर कुर्बानी
अनिवार्य है, उसे हर हाल में इस कर्तव्य को निभाना है।


मौलाना मदनी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जरूरी है कि मुसलमान खुद सावधानी से
काम लें। सोशल मीडिया पर कुर्बानी के जानवरों की फोटो आदि शेयर न करें। प्रतिबंधित जानवरों की


कुर्बानी से बचें और चूंकि मज़हब में इसके बदले काले जानवर की कुर्बानी जायज़ है। अगर किसी जगह
काले जानवर की कुर्बानी से भी रोकते हैं तो प्रभावशाली लोगों द्वारा स्थानीय प्रशासन को भरोसे में लेकर


कुर्बानी की जाए। अगर फिर भी इस धार्मिक कर्तव्य को निभाने का कोई रास्ता न निकले तो जहां लोगों

को परेशानी न हो, वहां कुर्बानी करा दी जाए। लेकिन जिस जगह कुर्बानी होती आई है, वहां कम से कम
बकरे की कुर्बानी अवश्य की जाए।

प्रशासन के कार्यालय में इसकी जानकारी दर्ज करा सकते हैं जिससे
आगे चलकर कोई परेशान न हो।


उन्होंने मुसलमानों को ईदुल अज़हा के अवसर पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने का सुझाव दिया।
कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेषों को खुले में न डालें, बल्कि इन्हें दफन कर दिया जाए। जिससे साफ-


सफाई बनी रहे और बदबू न फैले। हमारे काम से किसी को तकलीफ़ न पहुंचे। सांप्रदायिक तत्वों की ओर
से किसी प्रकार के उपद्रव पर स्थानीय थाने में जानकारी दर्ज करानी चाहिए।