महंत दीपेंद्र गिरि ने की अमरनाथ यात्रा कार्यक्रम की घोषणा

श्रीनगर, 27 जून छड़ी मुबारक (भगवान शिव की पवित्र गदा) के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि ने मंगलवार को तीर्थयात्रियों के लिए अमरनाथ यात्रा 2023 कार्यक्रम की घोषणा की।

महंत दीपेंद्र गिरि ने की अमरनाथ यात्रा कार्यक्रम की घोषणा

श्रीनगर, 27 जून (छड़ी मुबारक (भगवान शिव की पवित्र गदा) के संरक्षक महंत दीपेंद्र गिरि
ने मंगलवार को तीर्थयात्रियों के लिए अमरनाथ यात्रा 2023 कार्यक्रम की घोषणा की। महंत गिरि ने यहां


दशनामी अखाड़ा में छड़ी-पूजन करने के बाद कहा कि वार्षिक 62 दिवसीय अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को
मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के पहलगाम और बालटाल से शुरू होगी।


सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार छड़ी-मुबारक स्वामी अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा की पारंपरिक
शुरुआत से जुड़े ‘भूमि-पूजन’, ‘नवग्रह पूजन’ और ‘ध्वजारोहण’ के अनुष्ठान आषाढ़ के शुभ अवसर पर


पहलगाम में किए जायेंगे। पूर्णिमा” (व्यास-पूर्णिमा) इस वर्ष तीन जुलाई सोमवार को है। उन्होंने कहा कि


इस साल दो श्रावण महीने पड़ रहे हैं और यह असाधारण खगोलीय घटना 19 साल बाद हुई है जिससे
अब की बार तीर्थयात्रा का अधिक महत्व है।

उन्होंने बताया कि आगामी 19 अगस्त शनिवार को श्री अमरेश्वर मंदिर दशनामी अखाड़ा श्रीनगर में
छड़ी-स्थापना के लिए अनुष्ठान करने से पहले छड़ी-मुबारक को 16 अगस्त को ऐतिहासिक शंकराचार्य


मंदिर और 17 अगस्त को शारिका भवानी मंदिर में ले जाया जायेगा। उन्होंने बताया कि वह 31 अगस्त


को श्रावण-पूर्णिमा की सुबह पूजन और दर्शन करने के लिए स्वामी अमरनाथ जी के पवित्र मंदिर में
पवित्र गदा ले जाएंगे।


क्रमशः 26 और 27 अगस्त को पहलगाम, 28 अगस्त को चंदनवाड़ी, 29 अगस्त को शेषनाग और 30
अगस्त को पंचतरणी में रुकेगी। महंत दीपेंद्र गिरि जी ने छड़ी-मुबारक में शामिल होने का इरादा रखने


वाले साधुओं और नागरिक समाज के सदस्यों को पंजीयन कराने की सलाह दी है और कहा है कि केवल
वैध यात्रा परमिट वाले पंजीकृत साधुओं और तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा के दौरान छड़ी-मुबारक के साथ


जाने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि महादेव गिर दशनामी अखाड़ा ट्रस्ट, श्रीनगर ने स्वामी
अमरनाथ जी की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए देश भर से आने वाले साधुओं के लिए अखाड़ा भवन, बुदशाह


चौक, श्रीनगर में उनके भोजन और आरामदायक रहने के लिए पिछले वर्षों की तरह सभी व्यवस्थाएं की
हैं।