रेप में सहयोग करने वाली महिला पर भी चलाया जा सकता है गैंगरेप का मुकदमा : इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, 14 फरवरी (। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक महिला बलात्कार का अपराध नहीं कर सकती है,

रेप में सहयोग करने वाली महिला पर भी चलाया जा सकता है गैंगरेप का मुकदमा : इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज, 14 फरवरी (इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक
महिला बलात्कार का अपराध नहीं कर सकती है,

लेकिन अगर वह बलात्कारियों को सुविधा प्रदान
करती है, तो उस पर भी सामूहिक बलात्कार का मुकदमा चलाया जा सकता है। बलात्कार के अपराध


से संबंधित आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) और 376 (बलात्कार के लिए सजा) के प्रावधानों को
बताते हुए न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने इस याचिका को खारिज कर दिया कि सामूहिक बलात्कार


के मामले में एक महिला पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। इन टिप्पणियों के साथ अदालत ने
सुनीता पांडे द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसने अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश,


सिद्धार्थ नगर द्वारा दिए गए आदेश को चुनौती दी थी। आवेदक की याचिका को खारिज करते हुए
अदालत ने कहा, एक महिला बलात्कार का अपराध नहीं कर सकती है, लेकिन अगर उसने लोगों के

एक समूह को बलात्कार के लिए सुविधा प्रदान की है, तो उस पर भी सामूहिक बलात्कार का मुकदमा
चलाया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि यह तर्क कि एक महिला पर सामूहिक बलात्कार के लिए
मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है, बलात्कार से संबंधित धाराओं के संशोधित प्रावधानों के अनुसार


सही नहीं है। अदालत ने कहा कि हालांकि आईपीसी की धारा 375 की अस्पष्ट भाषा से यह स्पष्ट है
कि एक महिला बलात्कार नहीं कर सकती, क्योंकि धारा विशेष रूप से बताती है कि बलात्कार का


कार्य केवल पुरुष द्वारा किया जा सकता है, महिला द्वारा नहीं, लेकिन आईपीसी की धारा 376डी
(सामूहिक बलात्कार) के मामले में ऐसा नहीं है। यह घटना जून 2015 में हुई थी। लड़की के पिता ने


जुलाई 2015 में केस दर्ज कराया था कि उसकी 15 वर्षीय बेटी को आरोपी बहला-फुसलाकर अपने
साथ ले गए और उसके साथ बलात्कार किया।