साईं बाबा मंदिर में सीआईएसएफ की तैनाती के खिलाफ शिरडी शहर में 1 मई से हड़ताल

अहमदनगर, 27 अप्रैल भारत के शीर्ष धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक छोटे शहर शिरडी के साईं बाबा के मंदिर में सीआईएसएफ की तैनाती के फैसले को लेकर विरोध किया जा रहा है।

साईं बाबा मंदिर में सीआईएसएफ की तैनाती के खिलाफ शिरडी शहर में 1 मई से हड़ताल

अहमदनगर, 27 अप्रैल ( भारत के शीर्ष धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक छोटे शहर शिरडी
के साईं बाबा के मंदिर में सीआईएसएफ की तैनाती के फैसले को लेकर विरोध किया जा रहा है।


मंदिर प्रशासन और साईं भक्तों की ओर से प्रसिद्ध मंदिर में सीआईएसएफ की प्रस्तावित तैनाती के


विरोध में 1 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल बंद का ऐलान किया गया है। अधिकारियों ने गुरुवार
को यह जानकारी दी।


प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर के लिए नियोजित सीआईएसएफ सुरक्षा का संयुक्त रूप से विरोध कर रहे


विभिन्न संगठनों ने यहां के सभी बाजारों, ट्रांसपोर्टरों, वाणिज्यिक और हॉस्पिटैलिटी उद्योग द्वारा बंद
का आह्वान किया गया है।


एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि साईं बाबा मंदिर और इसकी अन्य सभी
सुविधाएं हमेशा की तरह काम करती रहेंगी। सीआईएसएफ सुरक्षा कब तैनात की जाएगी हमें इसकी


जानकारी नहीं है। वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस यहां सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है, और हमारे पास
मेटल डिटेक्टर, सीसीटीवी इत्यादि जैसी अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं।


मुख्य साईं बाबा मंदिर 4.5 एकड़ में फैला हुआ है और अन्य एसएसएसटी की गतिविधियां लगभग
350 एकड़ में फैली हुई हैं, हालांकि सीआईएसएफ कवर केवल मंदिर क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा।

अधिकारी ने बताया कि केंद्र को एक इंटेल रिपोर्ट के बाद, संभावित खतरों या संभावित हमलों से
मंदिर परिसर और उसके आसपास सुरक्षा कड़ी करने के कदम उठाए जा रहे हैं।


शिरडी शहर की आबादी लगभग 25,000 है। साईं बाबा मंदिर में प्रतिदिन 50,000 से अधिक भक्त
दर्शन करने आते हैं, जो दुनियाभर में भारत से दो करोड़ से अधिक अनुयायियों को जोड़ता है।


शहर के लोगों ने तर्क दिया है कि सीआईएसएफ एक विशेष बल है जो प्रमुख सार्वजनिक प्रतिष्ठानों


की सुरक्षा को संभालने के लिए सुसज्जित है और शिरडी जैसे धार्मिक मंदिर की अनूठी सुरक्षा
चुनौतियों के लिए कोई विशेषज्ञता नहीं है।


शहरी लोगों को यह भी आशंका है कि यदि सीआईएसएफ ने एसएसएसटी मंदिर की सुरक्षा अपने हाथ


में ले ली, तो इसका परिणाम स्थानीय लोगों, पर्यटकों और अन्य लोगों के लिए भारी प्रतिबंध होगा,
जिससे उनके रोजगार के अवसर प्रभावित होंगे।