सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक घोटाले के कथित मुख्य साजिशकर्ता की अग्रिम जमानत रद्द की

नई दिल्ली, 18 अगस्त । सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में हुई हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल परीक्षा के पेपर लीक मामले के कथित मुख्य साजिशकर्ता अनिल भास्कर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक घोटाले के कथित मुख्य साजिशकर्ता की अग्रिम जमानत रद्द की

नई दिल्ली, 18 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में हुई हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल परीक्षा
के पेपर लीक मामले के कथित मुख्य साजिशकर्ता अनिल भास्कर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।


हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले भास्कर की जमानत याचिका को यह मानते हुए खारिज कर दिया था कि


अभियोजन पक्ष का मुख्य साजिशकर्ता को लेकर बयान को देखते हुए और साथ ही, वह गिरफ्तारी से बच रहा था
और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे, उसे जमानत नहीं दी जा सकती है।


न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा, हम वर्तमान याचिका पर विचार


करने के इच्छुक नहीं हैं। विशेष अनुमति याचिका खारिज कर दी जाती है। लंबित आवेदन, यदि कोई हो, तदनुसार
निपटाया जाएगा।


भास्कर की ओर से पेश अधिवक्ता नमित सक्सेना ने तर्क दिया कि आरोपी को अपराध से जोड़ने के लिए कोई
सबूत नहीं है, सिवाय एक पिता-पुत्र की जोड़ी की गवाही के, जिन्हें गलत उद्देश्यों के लिए लगाया गया था।


आपराधिक मामलों के वकील सक्सेना ने तर्क दिया कि आरोपी रोहतक, हरियाणा में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग
के लिए भास्कर अकादमी चलाता है और उसे मामले में झूठा फंसाया गया है।

उच्च न्यायालय के आदेश के
खिलाफ भास्कर ने शीर्ष अदालत का रुख किया था।


मामले में दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत की राहत देने से इनकार कर दिया।
भास्कर की याचिका में कहा गया है, उपरोक्त प्राथमिकी के विरुद्ध याचिकाकर्ता को जांच में शामिल होने के लिए


एक नोटिस भेजा गया था और याचिकाकर्ता तुरंत जांच में शामिल हो गया था, हालांकि, प्रतिवादी द्वारा यह आरोप
लगाया गया है कि याचिकाकर्ता फरार है और याचिकाकर्ता का पता नहीं चल रहा है, जो कि झूठा है।


लिखित परीक्षा को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा रद्द करना पड़ा था,

क्योंकि यह पाया गया कि प्रश्न पत्र राज्य
भर में विभिन्न केंद्रों पर व्यापक रूप से लीक हो गया था

और परीक्षा इस साल जुलाई में फिर से आयोजित की
जानी थी।


मामले की जांच राज्य के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपी गई है और पुलिस उप महानिरीक्षक मधु सूदन
की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।