एलआईसी के डवलपमेंट अफसर की संदिग्ध परिस्थितियों में चौथी मंजिल से गिरकर मौत

गाजियाबाद, 15 अक्टूबर (। राजनगर एक्सटेंशन स्थित गुलमोहर गार्डन सोसायटी की चौथी मंजिल से संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर एलआईसी में कार्यरत डवलपमेंट अफसर की मौत हो गई। पुलिस को मौके से झालर बरामद हुई है।

एलआईसी के डवलपमेंट अफसर की संदिग्ध परिस्थितियों में चौथी मंजिल से गिरकर मौत

गाजियाबाद, 15 अक्टूबर ( राजनगर एक्सटेंशन स्थित गुलमोहर गार्डन सोसायटी की चौथी
मंजिल से संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर एलआईसी में कार्यरत डवलपमेंट अफसर की मौत हो गई।


पुलिस को मौके से झालर बरामद हुई है। पुलिस का कहना है कि प्रथमदृष्टया दीवाली के चलते
बिजली की झालर लगाते हुए उनके नीचे गिरने का मामला लग रहा है। हालांकि मामले की जांच की


जा रही है। पुलिस को मौके से को कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है।
पुलिस के अनुसार, गुलमोहर सोसायटी की चौथी मंजिल पर फ्लैट नंबर 402 में राजेश कुमार गुप्ता


(42) परिवार के साथ रहते थे और वह एलआईसी में डवलपमेंट अफसर के पद पर कार्यरत थे।
परिवार में पत्नी सरिता गुप्ता है। इनके अलावा उनके दो बेटियां हैं। एक बच्ची साढ़े आठ साल और


दूसरी नौ माह की है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि उनके घर पर शुक्रवार रात
मेहमान आए हुए थे। देर रात खाना खाने के बाद मेहमान चले गए। वहीं पत्नी बच्चों के साथ सोने


के लिए कमरे में चली गईं। पत्नी ने उन्हें सुबह जल्दी उठकर बिजली की झालर बालकनी में लगाने
के लिए कहा। फिर सुबह तड़के पत्नी नौ महीने के बेटी को एक कमरे में दुध पिलाने लगी। वहीं,


राजेश कुमार गुप्ता बालकनी में झालर लगाने चले गए। इस दौरान अचानक वह नीचे जा गिरे। गिरने
की आवाज से गार्ड मौके पर पहुंचे और पत्नी को सूचना दी। उन्हें आनन-फानन में निजी अस्पताल


में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि प्रथम
दृष्टया लग रहा है कि झालर लगाते वक्त वह अनियंत्रित होने से नीचे गिर पड़े होंगे। इस मामले में


अभी आत्महत्या की कोई बात सामने नहीं आई है। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है।


नंदग्राम थाना प्रभारी रमेश सिंह सिद्धू का कहना है कि सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को बालकनी
से झालर मिली है। हालांकि इस मामले की जांच की जा रही है।


यह है नियम : जीडीए के मानकों की बात करें तो बहुमंजिला इमारतों में बालकनी की चौड़ाई 1.50
मीटर से अधिक नहीं होने का नियम हैं। वहीं बिल्डिंग बायलॉज के तहत न्यूनतम एक मीटर


बालकनी की ऊंचाई (रेलिंग) रहती है। नियमानुसार बालकनी को रेलिंग व अन्य किसी चीज से कवर
नहीं किया जा सकता है। बड़े बिल्डर की सोसायटी में चार से पांच फीट ऊंची बालकनी देखी जा


सकती है। बालकनी को पूरी तरह कवर इसलिए नहीं किया जा सकता है क्योंकि बालकनी रिफ्यूज


एरिया में आती है। घर में आगे लगने पर बालकनी का प्रयोग कर आग बुझाने में मदद मिलती है।
अपार्टमेंट एक्ट में भी इसका जिक्र है।