मुर्गियों पर अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन

नई दिल्ली,। पशु के कल्याण के संगठन मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन ने गुरुवार को पशुओं पर क्रूरता और निर्भयता बरतने के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन किया तथा लोगों से शाकाहारी बनने का आग्रह किया।

मुर्गियों पर अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन

नई दिल्ली,  पशु के कल्याण के संगठन मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया
फाउंडेशन ने गुरुवार को पशुओं पर क्रूरता और निर्भयता बरतने के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में
प्रदर्शन किया तथा लोगों से शाकाहारी बनने का आग्रह किया।


राष्ट्रीय राजधानी में संसद भवन के समक्ष जंतर मंतर पर किए गए इस अनोखे प्रदर्शन में संगठन
की महिला कार्यकर्ताओं ने रक्त से सने कपड़े पहने और स्वयं को मुर्गियों के भांति पिंजरे में बंद


किया तथा लोगों से पशुओं, विशेषकर मुर्गियों के साथ क्रूरता और निर्दयता बंद करने का आग्रह
किया। विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य पिंजरे में बंद मुर्गियों की पीड़ा दर्शाना था।


संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि अंडे के लिए मुर्गियों को छोटे-छोटे डिब्बों में पिंजरे में बंद कर
दिया जाता है और उन्हें असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ता है यह पिंजरे बहुत छोटे होते हैं और इनमें


मुर्गियां अपने पंख से नहीं फैला सकते हैं इतना ही नहीं बैटरी पिंजरे में बंद मुर्गियों की चोंच तोड़ दी
जाती है जिससे उन्हें भयानक पीड़ा से गुजरना पड़ता है।


भारत में चार करोड़ से अधिक मुर्गियाँ क्रूर बैटरी पिंजरों में बंद हैं। इस कारण ज्यादातर मुर्गियों की
मृत्यु दो वर्ष से कम से कम हो जाती है।


मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन में समन्वयक निहारिका कपूर न्यू विभिन्न अध्ययनों का हवाला
देते हुए कहा कि अंडे का उत्पादन सिर्फ क्रूर ही नहीं बल्कि इनमें कोलेस्ट्रॉल और संतृप्त वसा में


उच्च स्तर पर होती हैं जो कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के जोखिम हैं। उन्होंने कहा कि पशुओं की मदद


करने, पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ अपने स्वयं के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए सबसे
अच्छा काम शाकाहार को अपनाना है।


उन्होंने बताया कि मर्सी फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन की मांगों पर दिल्ली, मणिपुर, उत्तराखंड,


उत्तर प्रदेश, मिजोरम और गुजरात में मादा सुअर को कैद करने के लिए ‘जेस्टेशन क्रेट’ और ‘फैरोइंग
क्रेट’ के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।