सेक्टर-62 से कासना तक मिनी बसें चलेंगी

नोएडा, 17 नवंबर । सेक्टर-62 से ग्रेटर नोएडा के कासना तक मिनी बस चलेंगीं। इससे इस रास्ते पर सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। अभी तक इस रूट पर कोई सीधा परिवहन साधन नहीं है।

सेक्टर-62 से कासना तक मिनी बसें चलेंगी

नोएडा, 17 नवंबर ( सेक्टर-62 से ग्रेटर नोएडा के कासना तक मिनी बस चलेंगीं। इससे
इस रास्ते पर सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। अभी तक इस रूट पर कोई सीधा परिवहन


साधन नहीं है। गाजियाबाद परिवहन विभाग बस के लिए परमिट जारी करेगा। सेक्टर-62 से कासना
तक बड़ी संख्या में लोग सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करते हैं। इसमें सबसे अधिक लोग


नौकरीपेशा है। इस रूट पर कोई सीधा सार्वजनिक वाहन नहीं है। कासना तक जाने के लिए लोगों को
पहले ब्लू लाइन और फिर एक्वा लाइन मेट्रो पकड़नी पड़ती है। एक्वा लाइन से परीचौक उतरकर


दूसरा साधन लेना पड़ता है। वहीं, ऑटो सेक्टर-37 पर छोड़ता है, जहां से बस या दूसरे साधन से
यात्री आगे का सफर तय करते हैं। आरटीओ गाजियाबाद अरुण कुमार ने कहा कि लोगों की समस्या


को देखते हुए इस रूट पर मिनी बस चलाने की योजना बनाई गई है। सेक्टर-62 एक्सपो सेंटर से
मिनी बस सेक्टर-37, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के रास्ते कासना तक पहुंचेगी। एक माह के भीतर बस


चलाने की तैयारी है। इसके लिए निजी ऑपरेटरों से आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन की अंतिम तारीख
26 नवंबर है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सीमित संख्या में आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। इसमें


16 से 35 सीटर बस को प्राथमिकता दी जाएगी। सड़क सुरक्षा की दृष्टि से उच्चतर मॉडल की बस
को वरीयता दी जाएगी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत होने के कारण मार्ग पर स्टेज-6 बस के


लिए आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे। 38 किलोमीटर के इस रूट पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा

प्राधिकरण की ओर से बनाए गए बस स्टैंड पर बस रुकेगी। आवेदन के बाद किराए का निर्धारण
होगा। ग्रेटर नोएडा निवासी कौशल ने कहा कि उनका दफ्तर सेक्टर-63 में है। वे मेट्रो से आते-जाते


हैं। इस मार्ग पर मिनी बस शुरू होने से काफी सुविधा होगी। उन्हें मेट्रो की तरह बस नहीं बदलनी
पड़ेगी। ग्रेटर नोएडा के ही रहने वाले दीपक ने कहा कि इस मार्ग पर सार्वजनिक वाहन की काफी


जरूरत है। इससे सफर आसान होगा। बस कुछ-कुछ दूरी पर न रुक कर सिर्फ बस स्टैंड पर रुके,
इसके लिए परिवहन विभाग को सख्त नियम और निगरानी करनी होगी। उन्होंने कहा कि गंतव्य तक


बिना सार्वजनिक वाहन बदले और जल्दी पहुंचेंगे तो इससे बेहतर कुछ भी नहीं है। आरटीओ अरुण
कुमार ने कहा कि क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण मेरठ के समक्ष निजी बस ऑपरेटर के आवेदन रखे


जाएंगे। उनकी अनुमति मिलते ही परमिट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। परमिट पांच


साल के लिए होगा। परमिट खत्म होने के बाद उसका फिर से पांच साल के लिए नवीनीकरण किया
जाएगा। परमिट का शुल्क सात हजार रुपये निर्धारित है।